कन्नौज:-
विकास खंड हसेरन के निकटवर्ती ग्राम कंसुआ में प्राचीन समय से लगने वाले मेले की अनूठी मिसाल है। जहां दूर दूर से हिंदू मुस्लिम समाज के लोग प्रसाद में पूड़ी बतासा तथा चादर चढ़ाते हैं। लोगो का मानना है कि प्रसाद चादर चढ़ाने से मिन्नत पूरी होती है।

कंसुआ निवासी मेला संस्थापक लाल सिंह के पुत्र रामप्रताप सिंह जो कि मेला मालिक का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। जानकारी देते हुए बताया कि ये प्राचीन काल लगभग तीन सौ साल पहले से लगता चला आ रहा है। मेले की नीव ब्राहिमपुर निवासी चित्तर सिंह ने डाली थी। बताया जाता है कि सैय्यद बाबा ने हिंदू मुस्लिम समाज के लोगो के अपार सहयोग से भील समाज के लोगो को पराजित कर भगा दिया। बाबा जी भी शहीद हो गए। उनकी मजार पर प्रति वर्ष लोग आकर प्रसाद चादर चढ़ाने का काम करते हैं। मेरी तीन पीढी से मेले की कुशल तरीके से देख भाल की जा रही है। पहले मेरे बाबा थम्मर सिंह इसके बाद हमारे पिताजी लालसिंह अब मैं मेले का कार्य देख रहा हूं। मेले में ऐरवेकटरा विधूना हसेरन नादेमऊ सौरिख राजपुर खडिनी आदि स्थानों से दुकानदार मेले में दुकानें लगाते हैं। मेले मे ग्राम प्रधान सर्वेश कुमार शाक्य का स्वागत योग्य सहयोग रहता है। महिलाए अपनी गृहस्थी का सामान की खरीददारी करती हैं वही बच्चे जलेबी, ठंडाई, नमकीन व झूले का लुत्फ उठाते हैं।